July 6, 2025
1711720834_d-3-4.jpg

रुद्रप्रयाग। कालीमठ घाटी के अंतर्गत कविल्ठा के जंगल विगत दो दिनों से भीषण आग की चपेट में आने से लाखों की वन संपदा स्वाहा हो गयी है। वन विभाग व ग्रामीणों द्वारा जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के प्रयास तो किये जा रहे हैं। मगर जंगलों में लगी भीषण आग का विकराल रूप धारण करने से आग पर काबू पाना चुनौती बनी हुई है। कालीमठ घाटी के जंगल भीषण आग की चपेट में आने से जीव-जन्तुओं के जीवन भर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं। जंगलों में भीषण आग लगने का मुख्य कारण दिसम्बर-जनवरी माह में मौसम के अनुकूल बर्फबारी व बारिश न होना माना जा रहा है।

कालीमठ घाटी के जंगलों में लगी भीषण आग पर यदि समय रहते काबू नहीं पाया गया तो अन्य जंगल भी भीषण आग की चपेट में आ सकतें हैं। वहीं करोड़ों की वन संपदा के नुकसान की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। प्रधान कविल्ठा अरविन्द राणा ने बताया कि वन विभाग व ग्रामीणों द्वारा जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के भरसक प्रयास तो किये जा रहे हैं। मगर तेज हवाओं के चलने से आग पर काबू नहीं पाया जा रहा है। क्षेत्र पंचायत सदस्य जाल मल्ला बलवीर रावत ने बताया कि जंगलों में लगी भीषण आग पर काबू पाने के प्रयास लगातार किये जा रहे हैं। आग की चपेट में आने से जीव जन्तुओं के जीवन पर भी संकट मंडरा रहा है। वन क्षेत्राधिकारी ललित बढवाल ने बताया कि वन विभाग व ग्रामीणों द्वारा आग पर काबू पाने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। लेकिन जंगलों में नमी न होने के कारण जंगलों में लगी आग निरंतर विकराल रूप धारण कर रही हैं, जिससे आग पर काबू पाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *