देहरादून: वर्तमान में दून में जाम का सबसे बड़ा स्पॉट आढ़त बाजार है। बीते कई सालों से इसकी शिफ्टिंग की योजना पर काम किया जा रहा है। हालांकि, अब जाकर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने आढ़त बाजार की शिफ्टिंग की दिशा में मजबूत कदम बढ़ाए हैं। नए स्थल पर आढ़त बाजार के विकास के लिए एमडीडीए ने टेंडर आमंत्रित कर दिए हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 के सफल संचालन के बाद एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने आढ़त बाजार की शिफ्टिंग का बड़ा लक्ष्य निर्धारित किया है। नए स्थल पर आढ़त बाजार को शिफ्ट करने के लिए करीब 145 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी चाहते हैं कि शहर के इस सबसे बड़े बाटलनेक को शीघ्र व्यवस्थित और पूरी प्लानिंग के साथ दूर किया जाए। इसके लिए आढ़त बाजार को नए स्थल पर शिफ्ट करने के साथ ही सहारनपुर चौक से लेकर तहसील चौक तक सड़क के 1.55 किलोमीटर भाग को 24 मीटर तक चौड़ा किया जाना है। ताकि जाम की समस्या को दूर किया जा सके।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के मुताबिक आढ़त बाजार की शिफ्टिंग के लिए जिला प्रशासन के साथ मिलकर प्रतिष्ठानों का सर्वे कराया गया था। योजना के तहत आढ़त बाजार शिफ्टिंग में 55 भवन आढ़तियों से संबंधित, जबकि 301 भवन सड़क चौड़ीकरण में आंशिक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। एमडीडीए की 106वीं बोर्ड बैठक में आढ़त बाजार शिफ्टिंग के लिए 145 करोड़ रुपये (90 करोड़ भूमि अधिग्रहण व 55 करोड़ रुपये आढ़त बाजार के विकास को) का बजट भी पास कर दिया गया था। इस कवायद के साथ ही नए स्थल पर आढ़त बाजार का लेआउट तैयार कराने का काम शुरू करा दिया गया था। अब टेंडर आमंत्रित कर दिए जाने के बाद निर्माण की दिशा में भी कदम बढ़ा दिए गए हैं। टेंडर प्रक्रिया पूरी होते ही काम शुरू करा दिया जाएगा।
शासन हस्तांतरित कर चुका 7.7 हेक्टेयर भूमि
नए आढ़त बाजार के विकास के लिए पटेलनगर कोतवाली के पीछे की चयनित 7.7 हेक्टेयर भूमि को आवास विभाग को राज्य कैबिनेट ने जुलाई माह में निःशुल्क आवास विभाग को हस्तांतरित कर दिया था। इसके साथ ही भू-उपयोग परिवर्तन में लगने वाले शुल्क समेत सड़क चौड़ीकरण के लिए लोनिवि के पक्ष में रजिस्ट्री के स्टांप शुल्क को भी माफ किया जा चुका है। सरकार की ओर से दी गई यह छूट करीब 260 करोड़ रुपये की है।
सीएम धामी का ड्रीम प्रोजेक्ट, ऐसे राह की आसान
-भूमि हस्तांतरण, सर्किल रेट के मुताबिक 222.79 करोड़ रुपये की 7.7493 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित
-भूमि का उपयोग आवासीय व कुछ कृषि है, इसे कमर्शियल करने को 33.41 करोड़ रुपये का शुल्क माफ किया गया
-सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक सड़क चौड़ीकरण के लिए शिफ्ट होने वाले कारोबारी व अन्य व्यापारी लोनिवि के पक्ष में रजिस्ट्री करेंगे। इसकी रजिस्ट्री में लगने वाले 3.31 करोड़ रुपये के स्टांप शुल्क को भी कैबिनेट ने माफ कर दिया है।
नए आढ़त बाजार में चार आकार के प्लाट तैयार होंगे
नए आढ़त बाजार स्थल में 60, 120, 180 व 240 वर्गमीटर के प्लाट तैयार किए जाएंगे। इसी के मुताबिक मुआवजे की गणना की जाएगी। उदाहरण के लिए यदि किसी कारोबारी का आढ़त बाजार में 120 वर्गमीटर की जगह थी और वह नए स्थल पर 60 वर्गमीटर की जगह चाह रहा है तो उसे शेष आकार के हिसाब से मुआवजा देने का प्रविधान किया गया है। इसी तरह आकार में कमी व अधिकता के हिसाब से गणना की गई। शहर के अन्य क्षेत्रों के आढ़ती भी नए बाजार में स्थल आवंटित करा सकते हैं। इसके लिए शिफ्टिंग के साथ प्लाट खरीद दोनों विकल्प उपलब्ध हैं।
स्वामित्व या किरायेदारी की कट ऑफ डेट नौ मार्च
प्रभावित भवनों में दीर्घकालीन किरायेदारों को नए स्थल पर भी किरायेदारी का अधिकार मिलेगा। हालांकि, किसी भी भवन के स्वामित्व , किरायेदारी व लीज के लिए कट ऑफ डेट नौ मार्च 2023 तक की गई।
परियोजना के प्रमुख बिंदु
-आढ़त बाजार में 55 भवन प्रभावित हो रहे हैं।
-301 भवन आढ़त बाजार से इतर चौड़ीकरण परियोजना में आंशिक रूप से प्रभावित होंगे।
24 मीटर होगी सड़क की चौड़ाई, यातायात होगा सुगम
चौड़ीकरण में शामिल सहारनपुर चौक से तहसील चौक के बीच की 1.55 किलोमीटर सड़क की अभी औसत चौड़ाई 18 मीटर है। आढ़त बाजर क्षेत्र में यह चौड़ाई और भी कम है। इससे पूरे क्षेत्र में जाम की स्थिति बनी रहती है। एंबुलेंस तक को निकालने का रास्ता नहीं मिल पाता। अब प्रस्ताव के मुताबिक चौड़ाई 24 मीटर हो जाने के बाद जाम की समस्या काफी हद तक दूर की जा सकेगी।
लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी के मुताबिक चौड़ीकरण के लिए डीपीआर तैयार की जा चुकी है। इसकी लागत करीब 22 करोड़ रुपये आंकी गई है। हालांकि, इसमें अभी कुछ संशोधन किए जाने हैं। ऐसे में चौड़ीकरण कार्य का बजट भी संशोधित किया जा सकता है।